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कुतुबुद्दीन ऐबक का इतिहास

कुतुबुद्दीन ऐबक का इतिहास qutb ud-din aibak history

हेलो दोस्तों में अनिल कुमार पलाशिया आज् फिर आपके लिए एक महत्वपूर्ण जानकारी को आपके लिए एक महत्वपूर्ण जानकारी को लेकर आ रहा हु इस लेख में हम कुतुबुद्दीन ऐबक का इतिहास qutb ud-din aibak history से सम्बंधित जानकारी को इस लेख में रखा है जिससे आपको दास वंस की बेसिक जानकारी आपको देखने को मिलेगी .

कुतुबुद्दीन ऐबक का इतिहास qutb ud-din aibak history

कुत्तुब्द्दीन ऐबक

मुहम्मद गोरी जिसका उद्देश्य भारत पर आक्रमण करके यहा की अपार संपदा को लुट कर अपने देश ले जाना चाहता था इस के लिए उसने कई गुलाम और दास भी ख़रीदे . जिसमे से एक कुत्तुब्द्दीन ऐबक था . उसे भी गजनी के बाजार से उसे खरीदा था

कुतुबद्दीन ऐबक की कर्तव्य निष्ठा से प्रशन होकर उसे अस्तबल का प्रमुख बनाया था और कुतुबद्दीन भी इमानदारी से गोरी की सेवा में लग गया था .

अजमेर पर प्रथ्वी राज चोहान दिल्ली सल्तनत पर आक्रमण करके मुह्हमद गोरी ने जित हासिल कर के भारत पर शासन करने के लिए अपने एक दास कुतुब्ब्दीन ऐबक को यहा पर सुलतान बनाया था

कुतुबद्दीन ऐबक का जन्म

  • इसका जन्म 1150 में आधुनिक तुर्किस्तान , कजाकिस्तान में हुआ था
  • कुतुबद्दीन ऐबक का वास्तविक नाम क़ुतुब उद दिन था
  • मुहम्मद गोरी ने इसे गजनी के बाजार से ख़रीदा था

मुह्हमद गोरी ने इसे सबसे पहले अमीर ए आखुर [ घोड़ो का अध्यक्ष ] के रूप में न्युक्त किया था
तराइन के दुसरे युद्ध में कुतुबद्दीन ऐबक ने सहायक नेतृत्व करता के रूप में सहयोग दिया था

1;- चन्दावर युद्ध [ चंदावर (1194 ईस्वी) के युद्ध में राजा जयचंद मुहम्मद गौरी से हार गए थे। ]
2;- बयाना युद्ध [ 1196 ]
3;- ग्वालियर के युद्ध में भी कुतुबद्दीन ऐबक ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी [ 1196 ]

तराइन के दुसरे युद्ध के बाद कुतुबद्दीन ऐबक को गोरी ने अपना प्रतिनिधि बनाकर नियुक्त किया था भारत के शाशन की जिम्मेदारी दी थी कुतुबद्दीन ऐबक ने दल्ली के पास इन्द्रप्रस्त से मुहम्मद गोरी के प्रतिनिधि के रूप में शासन चलाया था

कुतुबद्दीन ऐबक के आक्रमण

1;- 1197 ई में कुत्तुब्द्दीन ऐबक ने सबसे पहले राजस्थान में हो रहे विद्रोह का बल पूर्वक दमन किया
2;- सोलंकी वंश की राजधानी अन्हील्याबडा पर आक्रमण किया , भीम द्वतीय उसका सामना नहीं कर पाए
3;- 1202 ई में कुतुबद्दीन ऐबक के दुवारा बुंदेलखंड के विरुद्ध आक्रमण किया लेकिन [ चंदेल वंश का अंतिम राजा ] राजा पर्म्द्रिदेव की म्रत्यु के कारण कुतुबद्दीन ऐबक ने कालिंजर , मोहबा और खजुराहो पर आसानी से अधिकार कर लिया था
4;- 1205 ई में मुहम्मद गोरी ने खोखरो के विरुद्ध आक्रमण किया था इसके बाद गोरी की आचानक म्रत्यु हो गई और उसका साम्राज्य तिन भागो में वाटा गया .

गोरी के दुवारा साम्राज्य का बटवारा 

1;- दास वंश - कुतुबद्दीन ऐबक - भारत का शासक
2;- नसीरुद्दीन कुबाचा सिंध / मुल्तान का शासक बनाया गया
3;- ताजुद्दीन याल्दुज को गजनी का सुलतान बनाया

राज्य रोहण
25 जून 1206 ई को कुतुबद्दीन ऐबक ने राजसिहासन प्राप्त किया था परन्तु वैधानिक स्वीकृति 1208 में उसे मिली थी


कुतुबुद्दीन ऐबक का इतिहास

भारत में तुर्क साम्राज्य की नीव

भारत में तुर्क साम्राज्य की नीव रखने का श्रय कुतुबद्दीन ऐबक को जाता है शासक बनने के बाद ऐबक ने लाहोर को अपनी राजधानी बनाया लेकिन सैनिक मुख्यालय दिल्ली के पास इन्द्रप्रस्थ में था जिसे कुछ इतिहासकार ने कुत्तुब्द्दीन ऐबक की दूसरी राजधानी माना था

कुतुबद्दीन ऐबक ने शासक बनने के बाद किसी भी प्रकार से कोई धार्मिक प्रवचन और सिक्के जारी नहीं किये थे कुतुबद्दीन ऐबक ने दस वंश की स्थापना की जिसे तुर्क , इल्वारी वंश , दास वंश , और मामलुक वंश के नाम से भी जानते है
कुतुबद्दीन सुलतान बनने के बाद भी वह अपने आप को मोहम्मद गोरी का दास ही समझता था कुतुबद्दीन ऐबक ने मालिक . सिपहसलाकार के आलावा लाख बख्स , पील बख्स , कुरान ख्वा और हातिम द्वतीय की उपाधि धारण की थी
कुतुबद्दीन ऐबक को दिल्ली सल्तनत का संस्थापक माना जाता है और दिल्ली वंश में सल्तनत काल का वास्तविक संथापक इल्तुतमिश को माना जाता है





निर्माण कार्य

1;- कुब्बत उल इस्लाम मस्जिद
2;- अढाई दिन का झोपड़ा [ अजमेर ]
3;- क़ुतुब मीनार [ दिल्ली ]

इसका निर्माण कार्य कुतुबद्दीन ऐबक ने किया लेकिन पूर्ण निर्माण इल्तुतमिश ने किया था
1 दिसंबर 1210 को लाहोर में चोगान खेलते समय कुतुबद्दीन ऐबक की म्रत्यु हो गई
कुतुबद्दीन का शासन 1206 से 1210 तक रहा था इसका मकबरा लाहोर पकिस्तान में है

दिल्ली सल्तनत काल 

दोस्तों हमने इस लेख में हमने आपके लिए कुतुबद्दीन ऐबक से सम्बंधित जानकारी आपके सामने रखी है यह लेख दास वंश से सम्बंधित है और important है जो परीक्षा के लिए बहुत ही जरुरी है कुतुबुद्दीन ऐबक का इतिहास qutb ud-din aibak history कुतुबुद्दीन ऐबक का दामाद कौन था कुतुबुद्दीन ऐबक की उपाधि कुतुबुद्दीन ऐबक की उपलब्धियां मकबरा कहां है 

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